अकविता

ह-से-मुँह मिलाकर
बोले वह
बुर्र बुर्र बुर्र
कानाबाती कुर्र कुर्र कुर्र
टीली-लीली झर्र-झर्र-झर्र
अरे रे रे
दुर्र दुर्र दुर्र

© Vishnu Prabhakar : विष्णु प्रभाकर