बाबुल का रोग फिर से बिटिया देखने आए हैं कुछ लोग रक्तचाप-सा बढ़ गया फिर बाबुल का रोग © Praveen Shukla : प्रवीण शुक्ल Related posts: ना वो बचपन रहा जीनी है ज़िन्दगी तो जियो प्यार की तरह नैना गिरवी रख लिये मुझे मेरे ही भीतर से उठाकर ले गया कोई Ameer Khusro : अमीर ख़ुसरो Anurag Mishra Gair : अनुराग मिश्र ‘ग़ैर’ Arun Gemini : अरुण जैमिनी अनपढ़ माँ दिल की गई चिंता उतर छछिया भर छाछ पे नाच ढूंढते रह जाओगे प्रेम के पुजारी अनकहा इससे अधिक है काग़ज़ पर उतर गई पीड़ा भीड़ भूख के अहसास को शेरो-सुख़न तक ले चलो और बात है छोटा हूँ तो क्या हुआ इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं दीयाबत्ती