बिके हुए लोग चुके हुए लोगों से ख़तरनाक़ हैं बिके हुए लोग वे करते हैं व्यभिचार अपनी ही प्रतिभा से © Vishnu Prabhakar : विष्णु प्रभाकर Related posts: डूबना प्रेम क्या है निकटता इतिहास आदि देव विश्वामित्र ओस की बूँदें पड़ीं तो हमने तो बस ग़ज़ल कही है यशोधरा अनर्गल अश्वत्थामा कवि ज़माना देखता रह जाएगा विकास नेताजी का नख-शिख वर्णन रफ़ू संजय यथोचित तुमसे मिलकर किसी से बात कोई आजकल नहीं होती