कार

कार धनाड्य का आधार है नवधनाड्य का प्रचार है पैदलो के लिए परोपकार है। जिसके पास सर कार है, इस समाज में उसको विशेष अधिकार है। पैदलो का भी सड़क पर चलने का अधिकार है लेकिन वो सुरक्षित अपनी मंजिल तक पहुँच जाए, इसमें सर कार का बहुत बडा़ परोपकार है। मजबूरी मे फुटपाथ पर सोती प्रजा की जिन्दगी, सर, कार के अधीन है, कोई कुचला जाए तो वर्षो तक विचाराधीन है। सर कार के पास 500 की होर्सपावर है। कदमों में गति निर्धारक हैं। माहौल को गरम-ठडा करने के लिए वातानुकुलक यंत्र है। होर्सपावर, गति निर्धारक और ठंडा-गरम यंत्र एक तंत्र है, पडयंत्र है या कारयंत्र है लेकिन पैदल प्रजा के लिए यही प्रजातंत्र है। यूँ तो कुत्ते को वफादारी के लिए जाना जाता है लेकिन सर कार मे कुत्ता आधुनिकता और वैभव को दर्शाता है। कार जितनी भी लम्बी क्यों ना हो, बिना कुत्ते वाली कार काटने को दौडती है। आधुनिकता और वैभव के दर्शन बिना आपकी कार अधूरी है इसलिए सर कार में कम से कम एक कुत्ता पालना जरुरी है। © Anuj Tyagi : अनुज त्यागी