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Book a Kavi Sammelan

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सागर की भाषा

सुना है जिसके पास जो कुछ होता है वही तो वह दे सकता है देता है घृणा हो या प्यार- लेकिन क्या तुम जानते हो क्या होता है तब जब अर्पित कर देती है अपना सर्वस्व, अपना माधुर्य दुहिताएँ ‘हिमशिखरों’ की उस सागर को जो अथाह है जो ओत-प्रोत है क्षार और लवण से क्या वह देता है अपना लवण-क्षार उन नदियों को? नहीं। वह तो उनके जल को बना देता है और भी मधुर और भी पवित्र और बरस जाता है, घटा बन कर उन खेतों पर खलिहानों पर नगरों पर, शिखरों पर जो जुड़े थे या नहीं जुड़े थे उन सरिताओं से जो समर्पित हो गई थी उसे अकुण्ठ भाव से। क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगता कि समुद्र नहीं जानता भाषा मनुष्य की। वह अपना क्षार अपने तक ही सीमित रखता है और प्रमाणित करता है इस सत्य को कि जो कुछ तुम देते हो वही तो लौटता है और भी पुष्ट होकर काश! इक्क्सवीं सदी का कम्प्यूटर-मानव सीख सके भाषा यह समुद्र की। © Vishnu Prabhakar : विष्णु प्रभाकर

एक छलावा

बापू! तुम मानव तो नहीं थे एक छलावा थे कर दिया था तुमने जादू हम सब पर स्थावर-जंगन, जड़-चेतन पर तुम गए- तुम्हारा जादू भी गया और हो गया एक बार फिर नंगा। यह बेईमान भारती इन्सान। Vishnu Prabhakar : विष्णु प्रभाकर

सीने में जलन, आँखों में तूफ़ान-सा क्यूँ है

सीने में जलन, आँखों में तूफ़ान-सा क्यूँ है इस शहर में हर शख़्स परेशान-सा क्यूँ है दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँढे पत्थर की तरह बेहिस-ओ-बेजान-सा क्यूँ है तन्हाई की ये कौन-सी मन्ज़िल है रफ़ीक़ो ता-हद्द-ए-नज़र एक बियाबान-सा क्यूँ है हमने तो कोई बात निकाली नहीं ग़म की वो ज़ूद-ए-पशेमान, पशेमान-सा क्यूँ है क्या कोई नई बात नज़र आती है हममें आईना हमें देख के हैरान-सा क्यूँ है © Akhlaq Muhhamad Khan Shaharyar : अख़लाक़ मुहम्मद खान ‘शहरयार’ फ़िल्म : गमन (1978) संगीतकार : जयदेव स्वर : सुरेश वाडकर

हद्द-ए-निगाह तक ये ज़मीं है सियाह फिर

हद्द-ए-निगाह तक ये ज़मीं है सियाह फिर निकली है जुगनुओं की भटकती सिपाह फिर होंठों पे आ रहा है कोई नाम बार-बार सन्नाटों के तिलिस्म को तोड़ेगी आह फिर पिछले सफ़र की गर्द को दामन से झाड़ दो आवाज़ दे रही है कोई सूनी राह फिर बेरंग आसमान को देखेगी कब तलक मंज़र नया तलाश करेगी निगाह फिर ढीली हुई गिरफ़्त जुनूँ की कि जल उठा ताक़-ए-हवस में कोई चराग़-ए-गुनाह फिर © Akhlaq Muhhamad Khan Shaharyar : अख़लाक़ मुहम्मद खान ‘शहरयार’

इज़हार

तेरा खिल के मुस्कुराना मेरा खिंचा चला आना साथ-साथ चलता है तेरा नज़रें मिलाना मेरी आँखों में बस जाना साथ-साथ चलता है कभी झलक भी न पाना मेरा तरस-तरस जाना साथ-साथ चलता है फ़ुर्सत में भी जब तन्हा हो तेरे पास आ न पाना साथ-साथ चलता है कुछ मन में सोच लेना पर तुझसे कह न पाना साथ-साथ चलता है कैसे कहूँ, यही उलझन उलझन में लौट जाना साथ-साथ चलता है तेरी याद का सताना मेरी आँखें भर आना साथ-साथ चलता है © Ajay Sehgal : अजय सहगल

जश्न अभी बाक़ी है

देश की आज़ादी का जश्न अभी बाक़ी है शगुन अभी बाक़ी है, लगन अभी बाक़ी है यूँ तो हमने कितने ही आयाम पा लिए जिधर देखो दुनिया में हम हैं यारो छा लिए चोटियाँ तो ख़ूब छुईं, गगन अभी बाक़ी है शगुन अभी बाक़ी है, लगन अभी बाक़ी है हसरतें वो दिल में ले के, फाँसियों पे चढ़ गए हसरतों को पूरा करने हम भी यारो अड़ गए शहीदों की तमन्ना का वतन अभी बाक़ी है शगुन अभी बाक़ी है, लगन अभी बाक़ी है ऐ वतन के नौजवान, तुझको आज जगना है जज्वा वही वीरता का, फिर से दिल में भरना है वीरों की खाई हुई, क़सम अभी बाक़ी है शगुन अभी बाक़ी है, लगन अभी बाक़ी है © Ajay Sehgal : अजय सहगल

मन तो गोमुख है

विश्व पुस्तक मेले के लेखक मंच से आज मेरे काव्य संग्रह “मन तो गोमुख है” का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर साहित्य तथा पठन-पाठन से जुड़ी अनेक विभूतियाँ उपस्थित रहीं। बहुत ही सहज और अनुभवों से पगी कविताएँ हैं। सायास लिखी हुई नहीं, बल्कि स्वयम् स्फ़ूर्त कविताएँ हैं। टाइटल भी बहुत सटीक है- ‘मन तो गोमुख है’। ये कविताएँ भी हृदय के गोमुख से फूटी सहस्रधाराओं की तरह ही मौलिकता और ताज़गी लिये हुए हैं। ऐसे असाधारण कविता संग्रह के लिये आपको हृदय से बधाई। -नरेश शांडिल्य

ये न पूछो

ये न पूछो, किस तरह हम आ मिले हैं मंज़िलों से, बस हमारे पाँव देखो! चन्द्रमा नापो, हमारी पीर का अनुमान होगा शूल का जीवन हमारे फूल से आसान होगा हम लहर के वक्ष पर चलते हुए आए यहां तक रेत पर भी तो हमारा श्रम भरा अनुदान होगा ये न पूछो, किस तरह तूफ़ान से लड़ते रहे हम, बस हमारी नाव देखो! मान बैठे किस तरह तुम यह, सहज दिनमान होगा? सूर्य निकला तो किसी रजनीश का अवसान होगा रोशनी के आख़िरी कण से मिलो, मालूम होगा, वो अगर थक जाएगी तो भोर का नुकसान होगा ये न पूछो, एक प्राची ने तिमिर का क्या बिगाड़ा? रजनियों के गाँव देखो! है हमें विश्वास इक दिन, धीर का सम्मान होगा लांछनों से कब कलंकित वीर का अभिमान होगा? मंदिरों से आएगा सुनकर हमारी प्रार्थना जो देवता चाहे न हो पर कम से कम इंसान होगा ये न पूछो, एक बिरवा आस का क्या दे सका है? सप्तवर्णी छाँव देखो! © Manisha Shukla : मनीषा शुक्ला

Poet Introduction

© Akhlaq Muhhamad Khan Shaharyar : अख़लाक़ मुहम्मद खान ‘शहरयार’ © Ajay Janamjay : अजय जनमेजय © Ajay Sehgal : अजय सहगल © Adam Gaundavi : अदम गौंडवी © Anamika Ambar : अनामिका जैन ‘अम्बर’ © Anil Verma Meet : अनिल वर्मा ‘मीत’ © Anuj Tyagi : अनुज त्यागी © Anurag Mishra Gair : अनुराग मिश्र ‘ग़ैर’ © Anurag Shukla Agam : अनुराग शुक्ला ‘अगम’ © Abdul Gafoor Josh : अब्दुल ग़फ़ूर ‘जोश’ © Abbas Raza Alvi : अब्बास रज़ा अल्वी © Ameer Khusro : अमीर ख़ुसरो © Ambrish Srivastava : अम्बरीष श्रीवास्तव © Ayodhya Singh Upadhyaya Hariaudh : अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ © Arjun Singh Chand : अर्जुन सिंह ‘चांद’ © Arun Gemini : अरुण जैमिनी © Arun Mittal Adbhut : अरुण मित्तल ‘अद्भुत’ © Alka Sinha : अलका सिन्हा © Alhad Bikaneri : अल्हड़ ‘बीकानेरी’ © Ahmad Nadeem Qasmi : अहमद नदीम क़ासमी © Anju Jain : अंजू जैन © Acharya Mahapragya : आचार्य महाप्रज्ञ © Anand Prakash Maheshwari : आनन्द प्रकाश माहेश्वरी © Anand Bakshi : आनन्द बख्शी © Alok Srivastava : आलोक श्रीवास्तव © Aash Karan Atal : आशकरण अटल © Ashish Kumar Anshu : आशीष कुमार ‘अंशु’ © Ashutosh Dwivedi : आशुतोष द्विवेदी © Kumar Vishwas : कुमार विश्वास © Gopaldas Neeraj : गोपालदास ‘नीरज’ © Charanjeet Charan : चरणजीत चरण © Chirag Jain : चिराग़ जैन © Jagdish Savita : जगदीश सविता © Zafar Ali Khan : ज़फ़र अली खां © Dinesh Raghuvanshi : दिनेश रघुवंशी © Deepak Gupta : दीपक गुप्ता © Deepak Chaurasiya Mashaal : दीपक चौरसिया ‘मशाल’ © Dewal Ashish : देवल आशीष © Davendra Arya : देवेन्द्र आर्य © Davendra Gautam : देवेंद्र गौतम © Dhananjaya Singh : धनंजय सिंह © Naresh Shandilya : नरेश शांडिल्य © Nikunj Sharma : निकुंज शर्मा © Praveen Shukla : प्रवीण शुक्ल © Balbir Singh Rang : बलबीर सिंह ‘रंग’ © Baghi Chacha : बाग़ी चाचा © Balswaroop Rahi : बालस्वरूप राही © Bankimchandra : बंकिमचंद्र © Beni Prasad Beni : बेनी प्रसाद बेनी © Bhagwat Rawat : भगवत रावत © Bhawani Prasad Mishra : भवानी प्रसाद मिश्र © Bharat Bhushan : भारत भूषण © Bhimsen Tyagi : भीमसेन त्यागी © Manisha Shukla : मनीषा शुक्ला © Yogesh Chhibbar Anand : योगेश छिब्बर ‘आनन्द’ © Ramesh Sharma : रमेश शर्मा © Raskhan : रसखान © Ramavtar Tyagi : रामावतार त्यागी © Sandhya Garg : संध्या गर्ग © Surendra Sharma : सुरेंद्र शर्मा © Vivek Mishra : विवेक मिश्र © Vishal Bagh : विशाल बाग़ © Vishnu Prabhakar : विष्णु प्रभाकर © Vishnu Saxena : विष्णु सक्सेना © Gyan Prakash Aakul : ज्ञान प्रकाश आकुल Amrita Bera Archna Kaul Chirag Jain Isha Bhalla Jai Chhangccha Mamta Agarwal N Kunju N P Singh Neel Richard Jarboe Sandhya Garg V V B Rama Rao Vivek Mishra