चेहरा किसने पढ़ा

चेहरा किसने पढ़ा, पढ़ा है सबने एक मुखौटा। ढला दिवस वापस आया है दाना चुग्गा लेकर, चिड़िया एक तरफ सोई है अपने अण्डे सेकर, सारा अंबर नाप चुका अब जाये कहाँ चिरौटा। छोटे छोटे हाथो से हैं सब विश्वास बचाने, सबकी अलग जरुरत सब केअलग-२ पैमाने सबकी दृष्टि पूछती आखिर क्या लेकर लौटा। घर पहुंचा चेहरे पर रखकर खुशियों भरा मुलम्मा, जाने कैसे आंखों को पहचान गयी है अम्मा, राई लोन हाथ में लेकर ढूढ रही कजरौटा। © Gyan Prakash Aakul : ज्ञान प्रकाश आकुल