गावैं गुनी गनिका गन्धर्व

गावैं गुनी गनिका गन्धर्व औ सारद सेस सबै गुण गावैं नाम अनन्त गनन्त गनेस जो ब्रह्म त्रिलोचन पार न पावैं जोगी जती तपसी अरु सिद्ध निरन्तर जाहि समाधि लगावैं ताहि अहीर की छोहरियाँ छछिया भर छाछ पे नाच नचावैं © Raskhan : रसखान