हैरान कर दिया है

फिर उसने आज मुझको हैरान कर दिया है मेरे ही घर में मुझको मेहमान कर दिया है पहले नज़र मिलेगी फिर वारदात होगी क़ातिल ने आज खुलकर ऐलान कर दिया है नज़रों से दूर मेरी जिसका असर न होगा इतना हसीन मुझ पर एहसान कर दिया है मरहम भी अब लगाऊँ तो फ़ैज़ कुछ न होगा ज़ख्मी हर एक दिल का अरमान कर दिया है तेरी हयात बन कर दुनिया में कौन आया दिल किसने ‘मीत’ तुझ पर क़ुर्बान कर दिया है © Anil Verma Meet : अनिल वर्मा ‘मीत’