जवानी कहाँ जाएगी

दौड़ में सभी हैं अर्थ की यहाँ पे व्यर्थ जाने नाज़ुक से प्रेम की निशानी कहाँ जाएगी नौजवान देश के हुए हैं आज बदगुमान जाने कल ख़ून की रवानी कहाँ जाएगी भेद सभी उम्र के मिटा दिए हैं कामना ने रिश्तों की सोचिए कहानी कहाँ जाएगी वासना की गोद में बुढ़ापा झूमने लगा तो संस्कार ढूंढने जवानी कहाँ जाएगी © Charanjeet Charan : चरणजीत चरण