माटी

वीरों का अन्दाज़ कुछ निराला हुज़ूर होता है
उन्हें वतन से इश्क़ का अजब सरूर होता है
तिलक माटी का लगा रण में निकलते जब हैं ये
माटी तो इनकी नज़रों में माँ का सिन्दूर होता है

© Ajay Sehgal : अजय सहगल