मेरा दिल नहीं समझा

मेरे अहसास को तूने किसी क़ाबिल नहीं समझा धड़कता है जो मुझमें तूने मेरा दिल नहीं समझा मुझे तुझसे शिक़ायत है तो बस इतनी शिक़ायत है मुझे बस रास्ता समझा मुझे मंज़िल नहीं समझा © Dinesh Raghuvanshi : दिनेश रघुवंशी