मेरे प्यारे गीत

जब फूलों से नफरत होगी अंगारोँ से प्यार ठीक उसी दिन, मेरे प्यारे गीत तुम्हारे गायेगा संसार। बंजर धरती पर अँगुली से तुम मेघों पाती लिखना, पत्ती पत्ती प्यासी लिखना कली कली कुम्हलाती लिखना। पाती पढ़कर जब अंबर से बरसेगी जलधार ठीक उसी दिन, मेरे प्यारे गीत तुम्हारे गायेगा संसार। गुड्डे की डोली मेँ बेबस कफन लपेटी गुड़िया रखना, तितली के टूटे पंखोँ पर फूलोँ की पंखुड़ियाँ रखना। उन्हे उड़ाने से पहले जब हवा रुके सौ बार ठीक उसी दिन, मेरे प्यारे गीत तुम्हारे गायेगा संसार। वह नौका जो तट पर डूबी उसकी राम कहानी गाना, जर्जर पतवारोँ वाले नाविक की भी कुर्बानी गाना। तब तक जब तक नदी न कर ले गलती को स्वीकार ठीक उसी दिन, मेरे प्यारे गीत तुम्हारे गायेगा संसार। © Gyan Prakash Aakul : ज्ञान प्रकाश आकुल