कभी रात में रात की रानी हुई

दिन में बन सूर्यमुखी निकली, कभी रात में रात की रानी हुई पल में तितली, पल में बिजली, पल में कोई गूढ़ कहानी हुई तेरे गीत नए, तेरी प्रीत नई, जग की हर रीत पुरानी हुई तेरी बानी के पानी का सानी नहीं, ये जवानी बड़ी अभिमानी हुई © Ashutosh Dwivedi : आशुतोष द्विवेदी