कविता ख़ुश्बू का झोंका

कविता ख़ुश्बू का झोंका, कविता है रिमझिम सावन कविता है प्रेम की ख़ुश्बू, कविता है रण में गर्जन कविता श्वासों की गति है, कविता है दिल की धड़कन हँसना-रोना मुस्काना, कवितामय सबका जीवन कविता प्रेयसी से मिलन है, कविता अधरों पर चुंबन कविता महकाती सबको, कविता से सुरभित यह मन कभी मेल कराती सबसे, कभी करवाती है अनबन कण-कण में बसती कविता, कवितामय सबका जीवन कविता सूर के पद हैं, कविता तुलसी की माला कविता है झूमती गाती, कवि बच्चन की मधुशाला कहीं गिरधर की कुंडलियाँ, कहीं है दिनकर का तर्जन ग़ालिब और मीर-बिहारी, कवितामय सबका जीवन कविता है कभी हॅंसी तो, कभी दर्द है कभी चुभन है बन शंखनाद जन मन में, ला देती परिवर्तन है हैं रूप अनेकों इसके, अद्भुत कविता का चिंतन मानव समाज का दर्शन, कवितामय सबका जीवन © Arun Mittal Adbhut : अरुण मित्तल ‘अद्भुत’