धूरि भरे अति शोभित

धूरि भरे अति शोभित श्याम जू तैसी बनी सिर सुन्दर चोटी खेलत खात फिरैं अंगना पग पैंजनिया कटि पीरी कछौटी वा छवि को रसख़ान विलोकत वारत काम कलानिधि कोटी काग के भाग कहा कहिए हरि हाथ सों ले गयो माखन रोटी © Raskhan : रसखान