चिन्तन

मैं गाड़ी में जुते बैलों को देखकर सोचता हूँ- आदमी सोचता क्यों है? यह गाड़ी इसलिए ठीक चल रही है कि बैल सोचते नहीं हैं। बैल अपने साथ किए गए व्यावहारों के प्रति सोचते तो गाड़ी एक दिन भी नहीं चल पाती फिर चलती हड़ताल बन्द और घेराव…! © Acharya Mahapragya : आचार्य महाप्रज्ञ