तेरी ज़ुल्फ़ों के साये से निकलना कौन चाहेगा तेरे आगोश में गिरकर संभलना कौन चाहेगा लक़ीरों में मेरे हाथों की तेरा नाम लिक्खा है भला क़िस्मत के लिक्खे को बदलना कौन चाहेगा © Dinesh Raghuvanshi : दिनेश रघुवंशी
तेरी ज़ुल्फ़ों के साये से निकलना कौन चाहेगा तेरे आगोश में गिरकर संभलना कौन चाहेगा लक़ीरों में मेरे हाथों की तेरा नाम लिक्खा है भला क़िस्मत के लिक्खे को बदलना कौन चाहेगा © Dinesh Raghuvanshi : दिनेश रघुवंशी