गीत पावन हुआ

गीत में जब तुम्हारे नयन आ गये
आ गये दूर से श्याम घन आ गये
गीत सावन हुआ गीत पावन हुआ
जब महावर भरे दो चरण आ गये
गीत में आ गयी जब तुम्हारी छुअन
वो कुंवारा बदन वो कुंआंरी छुअन
प्रेम की एक पावन प्रथा हो गया
गीत मेरे लिए देवता हो गया

गीत में सब अधूरे सपन आ गये
कामनाओं के सारे हवन आ गये
डाल पर जो खिले झड़ गये सूखकर
गीत में वे अभागे सुमन आ गये
गीत में आ गयीं खो चुकीं तितलियाँ
तेज़ आँधी में उड़ती हुयी पत्तियाँ
इस तरह गीत मेरी कथा हो गया
गीत मेरे लिए देवता हो गया

जो न जग से कहे वे कथन आ गये
जो न रोये गये वे रुदन आ गये
गीत सत्यम् शिवम्‌ सुन्दरम हो गया
और आनंद के चंद क्षण आ गये
गीत है कल्पनाओं की अलकापुरी
गीत है कृष्ण की सुरमयी बाँसुरी
गीत का बस यही अर्थ था हो गया
गीत मेरे लिए देवता हो गया

© Gyan Prakash Aakul : ज्ञान प्रकाश आकुल