आइए मरूभूमि में

आइए मरू-भूमि में उद्यान की चर्चा करें ! ध्वंस के संदर्भ में निर्माण का चर्चा करें ! निर्झरों, नदियों, तड़ागों की प्रगति को साधुवाद, सिंधु में उठते हुए तूफ़ान की चर्चा करें ! यज्ञ के उपरोहितों के पास सामग्री अपार, ‘पूर्ण आहुति दें‘ उसी यजमान की चर्चा करें ! बादलों के अट्टहासों से घिरा वातावरण, बिजलियों-सी कौंधती, मुस्कान की चर्चा करें ! देव-दैत्यों की कथाएँ तो पुरानी पड़ गईं, ‘रंग‘ जैसे आधुनिक-इंसान की चर्चा करें ! © Balbir Singh Rang : बलबीर सिंह ‘रंग’