निराले रंग जीवन के

निराले रंग जीवन के अजब दुनिया का मेला है यहाँ हर आदमी केवल समय के हाथ खेला है भले ही भीड़ है अपनों की लेकिन भीड़ में रहकर यहाँ मैं भी अकेला हूँ वहाँ तू भी अकेला है © Dinesh Raghuvanshi : दिनेश रघुवंशी