सच के कारण

मिला होगा कभी झूठ को शाप लेकिन आज तो शापित हो रहे हैं सम्बन्ध सच बोलने के कारण! गया होगा स्वर्ग, कोई युधिष्ठिर सशरीर अपने सच के दम पर। लेकिन आज भोगना पड़ता है नरक जीते जी… सच के कारण! क्या कलयुग में सचमुच झूठ ही हो गया सच! क्या सचमुच बदल गईं हैं सभी धारणाएँ! © Sandhya Garg : संध्या गर्ग