शतरंज की बिसात पर मात देकर विरोधी को वे मुस्कराईं और मुस्कराईं औ…र…मुस्कराईं इतनी कि चीख बन गई मुस्कान उनकी भाषा मिल नहीं सकी सत्य को रूंध गया कंठ में वह उनके लेकिन तथ्य यह है कि तथ्य बन गई मुस्कान उनकी © Vishnu Prabhakar : विष्णु प्रभाकर
शतरंज की बिसात पर मात देकर विरोधी को वे मुस्कराईं और मुस्कराईं औ…र…मुस्कराईं इतनी कि चीख बन गई मुस्कान उनकी भाषा मिल नहीं सकी सत्य को रूंध गया कंठ में वह उनके लेकिन तथ्य यह है कि तथ्य बन गई मुस्कान उनकी © Vishnu Prabhakar : विष्णु प्रभाकर