Tag Archives: Ameer Khusro Poems

काहे को ब्याहे बिदेस

काहे को ब्याहे बिदेस
अरे, लखिया बाबुल मोरे

भैया को दियो बाबुल महले दो-महले
हमको दियो परदेस
अरे, लखिया बाबुल मोरे

हम तो बाबुल तोरे खूँटे की गैया
जित हाँके हँक जईहैं
अरे, लखिया बाबुल मोरे

हम तो बाबुल तोरे बेले की कलियाँ
घर-घर मांगे हैं जईहैं
अरे, लखिया बाबुल मोरे

कोठे तले से पलकिया जो निकली
बीरन में छाए पछाड़
अरे, लखिया बाबुल मोरे

हम तो हैं बाबुल तोरे पिंजरे की चिड़िया
भोर भये उड़ जईहैं
अरे, लखिया बाबुल मोरे

तारों भरी मैनें गुड़िया जो छोडी़
छूटा सहेली का साथ
अरे, लखिय बाबुल मोरे

डोली का पर्दा उठा के जो देखा
आया पिया का देस
अरे, लखिया बाबुल मोरे

© Ameer Khusro : अमीर ख़ुसरो

 

जे हाल मिसकी मकुन तगाफ़ुल

जे हाल मिसकी मकुन तगाफ़ुल, दुराय नैना बनाय बतियाँ
कि ताबे हिज़्राँ न दारम ऎ जां! न लेहु काहे लगाय छतियाँ

शबाने हिज़्राँ दराज़ चूँ ज़ुल्फ़, व रोज़े वसलत चूँ उम्र कोलह
सखी! पिया को जो मैं न देखूँ, तो कैसे काटूँ अंधेरी रतियाँ

यकायक अज़ दिल, दो चश्म-ए-जादू, ब सद फ़रेबम बाबुर्द तस्कीं
किसे पड़ी है जो जा सुनावे, पियारे पी को हमारी बतियाँ

चो शमा सोज़ान, चो ज़र्रा हैरान, हमेशा गिरयान, बे इश्क आं मेह
न नींद नैना, ना अंग चैना, ना आप आवें, न भेजें पतियाँ

बहक्क-ए-रोज़े, विसाल-ए-दिलबर, कि दाद मारा, ग़रीब ‘खुसरौ’
सपेट मन के, वराये राखूँ, जो जाये पाँव, पिया के खटियाँ

Ameer Khusro : अमीर ख़ुसरो

 

दिल की गई चिंता उतर

जब यार देखा नैन भर, दिल की गई चिंता उतर
ऐसा नहीं कोई अजब, राखे उसे समझाय कर

जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया
हक्क़ा इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर

तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है
तुझ दोस्ती बिसियार है, इक शब मिलो तुम आय कर

‘ख़ुसरो’ कहे बातें ग़ज़ब, दिल में न लाए कुछ अजब
क़ुदरत ख़ुदा की है अजब, जब जिस दिया गुल लाय कर

Ameer Khusro : अमीर ख़ुसरो