एक नार ने अचरज किया
साँप मार पिंजरे में दिया
जों जों साँप ताल को खाए
सूखे ताल साँप मर जाए
Ameer Khusro : अमीर ख़ुसरो
एक नार ने अचरज किया
साँप मार पिंजरे में दिया
जों जों साँप ताल को खाए
सूखे ताल साँप मर जाए
Ameer Khusro : अमीर ख़ुसरो
जब यार देखा नैन भर, दिल की गई चिंता उतर
ऐसा नहीं कोई अजब, राखे उसे समझाय कर
जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया
हक्क़ा इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर
तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है
तुझ दोस्ती बिसियार है, इक शब मिलो तुम आय कर
‘ख़ुसरो’ कहे बातें ग़ज़ब, दिल में न लाए कुछ अजब
क़ुदरत ख़ुदा की है अजब, जब जिस दिया गुल लाय कर
Ameer Khusro : अमीर ख़ुसरो