हर सुबह शाम की शरारत है हर ख़ुशी अश्क़ की तिज़ारत है मुझसे न पूछो अर्थ तुम यूँ जीवन का ज़िन्दग़ी मौत की इबारत है © Gopaldas Neeraj : गोपालदास ‘नीरज’
हर सुबह शाम की शरारत है हर ख़ुशी अश्क़ की तिज़ारत है मुझसे न पूछो अर्थ तुम यूँ जीवन का ज़िन्दग़ी मौत की इबारत है © Gopaldas Neeraj : गोपालदास ‘नीरज’