सो जा, सो जा
तू सो जा मेरे लाल
पंख झरे तितली के, उड़े दिन के रंग
खिड़की-खिड़की मौन खड़ी है, द्वार-द्वार है दंग
दर्द का दुशाला तेरा, दुखों को बिछौना
आँसुओं के हाथ ले तू, चंद्र का खिलौना
तू हँसे बस एक जो, हँसें नदी के प्राण
हर ख़ुशी रहे सहेली, बन के तेरे साथ
जाग मत तू, जागना बहुत-बहुत है कठिन
जागने के मन से दीखते यहाँ क़फ़न
© Gopaldas Neeraj : गोपालदास ‘नीरज’
फिल्म : सती नारी (1965)
संगीतकार : शिवराम
स्वर : सुमन कल्याणपुर