भीड़

मुझ में सीता
मुझ में राम
मुझ में राधा और घनश्याम
मीरा मुझ में, कबिरा मुझ में
मुझ में पद्मावत, अखरावट
मुझ में रासो, मुझ में आल्हा
मुझ में शेक्सपीयर, सुकरात
मुझ में होमर
मुझ में गेटे
बीथोवन और बैजू बावरा
ईसा मुझ में
मूसा मुझ में
सूफी और कलन्दर मुझ में
मुझमें ग़ालिब और इक़बाल
रवीन्द्रनाथ, ख़य्याम और पुश्क़िन
रश्दी और नसरीन भी मुझ में
मुझ में गांधी
मुझ में जिन्ना
हाय मेरे रब्बा
भीड़ लगी है
मेरे घर इतने मेहमान
मैं हैरान!

© Jagdish Savita : जगदीश सविता