नैना गिरवी रख लिये पिया तुम्हारा रूप है, कैसा साहूकार नैना गिरवी रख लिये, दरस दिया इक बार © Yogesh Chhibbar Anand : योगेश छिब्बर ‘आनन्द’ Related posts: छिना न माखन, हाय छछिया भर छाछ पे नाच बाबुल का रोग अपनी आवाज़ ही सुनूँ कब तक पहला-पहला प्यार राधा सौंदर्य चुप्पियाँ तोड़ना जरुरी है सागर का उपहास पाञ्चजन्य एक क़दम की चूक से मानुष हौं तो वही रसखान एक नज़र में प्यार इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं तुम्हारे शहर से जाने का मन है माटी उतनी दूर पिया तू मेरे गाँव से यो-यो विश्वामित्र मन मस्त हुआ याद आती है माँ