किसी मदहोश सुबह को अगर शब याद आ जाए ठिठकती धूप का मौसम उसी के बाद आ जाए कभी लब पे ठहर जाए अगर वो नाम इक पल को हमारी चाय में घुलकर उसी का स्वाद आ जाए © Manisha Shukla : मनीषा शुक्ला
किसी मदहोश सुबह को अगर शब याद आ जाए ठिठकती धूप का मौसम उसी के बाद आ जाए कभी लब पे ठहर जाए अगर वो नाम इक पल को हमारी चाय में घुलकर उसी का स्वाद आ जाए © Manisha Shukla : मनीषा शुक्ला