प्रेम के पुजारी

प्रेम के पुजारी
हम हैं रस के भिखारी
हम है प्रेम के पुजारी

कहाँ रे हिमाला ऐसा, कहाँ ऐसा पानी
यही वो ज़मीं, जिसकी दुनिया दीवानी
सुन्दरी न कोई, जैसी धरती हमारी

राजा गए, ताज गया, बदला जहाँ सारा
रोज़ मगर बढ़ता जाए, कारवां हमारा
फूल हम हज़ारों लेकिन, ख़ुश्बू एक हमारी

© Gopaldas Neeraj : गोपालदास ‘नीरज’

फिल्म : प्रेम पुजारी (1970)
संगीतकार : सचिन देव बर्मन
स्वर : सचिन देव बर्मन