डर

कुछ उसकी हिम्मत का डर
कुछ जग की सीरत का डर

कभी कभी नफ़रत का डर
और कभी उल्फ़त का डर

मुफ़लिस को बाज़ारों में
हर शै की क़ीमत का डर

सबसे ज़्यादा होता है
इंसां को इज्ज़त का डर

नीड़ बनाने वालों को
दुनिया की आदत का डर

‘अद्भुत’ को सबसे ज़्यादा
ख़ुद अपनी फ़ितरत का डर

© Arun Mittal Adbhut : अरुण मित्तल ‘अद्भुत’