मेरी बानी ख़ुद बोलेगी

मेरी बानी ख़ुद बोलेगी आज नहीं तो कल
ख़ामोशी भी लब खोलेगी आज नहीं तो कल

अलसाई आँखें खोलेगी आज नहीं तो कल
मन की कोयलिया बोलेगी आज नहीं तो कल

हरदम डरकर रहना इसको कहाँ गवारा है
हिम्मत अपने पर तोलेगी आज नहीं तो कल

अपनेपन की तर्ज़ तुम्हारी मेरे जीवन में
रंग मुहब्बत का घोलेगी आज नहीं तो कल

‘मीत’ तुझे आवारा कहने वाली ये दुनिया
तेरे पीछे ख़ुद हो लेगी आज नहीं तो कल

© Anil Verma Meet : अनिल वर्मा ‘मीत’