Tag Archives: Ajay Sehgal Poems

मक़सद

मक़सद कुछ ज़िंदगी का ऊँचा बना के देख
संकल्प दृढ़ हो मन में, फिर क़दम बढ़ा के देख
तेरी ज़िंदगी भी रोशनी से पुरनूर होगी
किसी की चौखट पे तू भी दीपक जला के देख

© Ajay Sehgal : अजय सहगल

 

माटी

वीरों का अन्दाज़ कुछ निराला हुज़ूर होता है
उन्हें वतन से इश्क़ का अजब सरूर होता है
तिलक माटी का लगा रण में निकलते जब हैं ये
माटी तो इनकी नज़रों में माँ का सिन्दूर होता है

© Ajay Sehgal : अजय सहगल