Tag Archives: Jade ki dhoop by sarveshwar dayal saxena

जाड़े की धूप

बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया

ताते जल नहा, पहन श्वेत वसन आई
खुले लान बैठ गई, दमकती लुनाई
सूरज खरगोश धवल, गोद उछल आया
बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया

नभ के उद्यान-छत्र तले मेज; टीला
पड़ा हरा फूल कढ़ा मेजपोश पीला
वृक्ष खुली पुस्तक, हर पृष्ठ फड़फड़ाया
बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया

पैरों में मखमल की जूती-सी-क्यारी
मेघ ऊन का गोला बुनती सुकुमारी
डोलती सलाई हिलता जल लहराया
बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया

बोली कुछ नहीं, एक कुर्सी की खाली,
हाथ बढ़ा छज्जे की साया सरकाली,
बाँह छुड़ा भागा, गिर बर्फ हुई छाया।
बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया।

© Sarveshwar Dayal Saxena : सर्वेश्वर दयाल सक्सेना