छिना न माखन, हाय इक गोपी लड़ती फिरे, माखन लिया चुराय दूजी बैठी रो रही, छिना न माखन, हाय © Yogesh Chhibbar Anand : योगेश छिब्बर ‘आनन्द’ Related posts: नैना गिरवी रख लिये छछिया भर छाछ पे नाच बाबुल का रोग अपनी आवाज़ ही सुनूँ कब तक Ameer Khusro : अमीर ख़ुसरो Anurag Mishra Gair : अनुराग मिश्र ‘ग़ैर’ Arun Gemini : अरुण जैमिनी अनपढ़ माँ दिल की गई चिंता उतर प्रेम के पुजारी अनकहा इससे अधिक है काग़ज़ पर उतर गई पीड़ा भीड़ भूख के अहसास को शेरो-सुख़न तक ले चलो छोटा हूँ तो क्या हुआ इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं दीयाबत्ती Deepak Chaurasiya Mashaal : दीपक चौरसिया ‘मशाल’ तुम्हारे शहर से जाने का मन है भविष्य