गौतम-सा सन्यास उसके चरणों की हुई सारी दुनिया दास जिसने मन से ले लिया गौतम-सा सन्यास © Praveen Shukla : प्रवीण शुक्ल Related posts: जीनी है ज़िन्दगी तो जियो प्यार की तरह बाबुल का रोग बदला-बदला लग रहा उसी तरह के रंग ना वो बचपन रहा मुझे मेरे ही भीतर से उठाकर ले गया कोई अपनी आवाज़ ही सुनूँ कब तक ज़माने ने कभी ऐसा कोई मंज़र नहीं देखा चुप्पियाँ तोड़ना जरुरी है गीत पावन हुआ अनपढ़ माँ जीवन नहीं मरा करता है काग़ज़ पर उतर गई पीड़ा भीड़ छोटा हूँ तो क्या हुआ जो काँटों के पास थे छिना न माखन, हाय कैसट द्रोण कॉन्ट्रेक्ट