भविष्य के फूल जिनको जाना था यहाँ, पढ़ने को स्कूल। जूतों पर पॉलिश करें, वे भविष्य के फूल॥ © Gopaldas Neeraj : गोपालदास ‘नीरज’ Related posts: नैना गिरवी रख लिये जीवन नहीं मरा करता है प्रेम के पुजारी गीत इक और ज़रा झूम के गा लूँ, तो चलूँ छोटा हूँ तो क्या हुआ मृत्यु गीत बाबुल का रोग अपनी आवाज़ ही सुनूँ कब तक दौलत की लत क्यों पड़े छिना न माखन, हाय Alhad Bikaneri : अल्हड़ ‘बीकानेरी’ Anurag Mishra Gair : अनुराग मिश्र ‘ग़ैर’ अनपढ़ माँ दिल की गई चिंता उतर काग़ज़ पर उतर गई पीड़ा बाबू जी भीड़ बिके हुए लोग Vishal Bagh : विशाल बाग़ चिड़ियों को पता नहीं