Tag Archives: Old Age

रोज़ मिलता है वनवास

राम इस दौर का बुढ़ापे का सहारा बने
रहती है बस यही आस दशरथ को
तृष्णा की मंथरा दरार डाल दे न कहीं
सालता है यही अहसास दशरथ को
लाडलों ने जाने कैसा फ़रमान रख दिया
आज फिर देखा है उदास दशरथ को
राम को मिला था वनवास युग बीत गए
रोज़ मिलता है वनवास दशरथ को

© Charanjeet Charan : चरणजीत चरण

 

दादी और नानियाँ

तितली के टूटे हुए पंख, सीपियों के शंख
और किसी फटे हुए चित्र की निशानियाँ
सपनों में सजते हुए वो शीशे के महल
और उन महलों में राजा और रानियाँ
रात-दिन बेशुमार ज़िन्दगी की रफ्तार
ले के कहाँ आ गईं ये हमको जवानियाँ
किस को पता है ओढ़ के उदासी जाने किस
कोने में पड़ी हुई हैं दादी और नानियाँ

© Charanjeet Charan : चरणजीत चरण

 

चांदनी से रात बतियाने सहेली आ गयी

चांदनी से रात बतियाने सहेली आ गयी
कुछ मुंडेरों के मुक़द्दर में चमेली आ गयी

पैर भी सुस्ता लिये, आँखों ने भी दम ले लिया
ज़िंदगी की राह में, दिल की हवेली आ गई

झाँकता है हर कोई ऐसे दिल-ए-नाशाद में
जैसे आंगन में कोई दुल्हन नवेली आ गई

बोझ कंधों का उतर कर गिर गया जाने कहाँ
जब मेरे सिर पे बुज़ुर्गों की हथेली आ गई

तीरगी का ख़ौफ़, सन्नाटे की दहशत थी मगर
इक किरण सूरज की धरती पर अकेली आ गयी

© Chirag Jain : चिराग़ जैन