दो दर्जन पुरस्कारों के विजेता, लखनऊ स्थित मुनव्वर राना भारत के सबसे लोकप्रिय और प्रशंसित कवियों में से एक हैं। वह हिंदी और उर्दू दोनों में लिखते हैं और भारत और विदेशों में मुशायरा हलकों में एक प्रमुख नाम है। उनकी सबसे प्रसिद्ध कविता ’मां’ है जिसमें उन्होंने ग़ज़ल की शैली का इस्तेमाल कर के एक माँ के
गुणों को उभारने के लिए किया हैं । उनकी कुछ अन्य रचनाओं में मुहाजिरनामा, घर अकेला हो गया और पीपल छाँव शामिल हैं। उन्हें उनकी कविता पुस्तक, शाहदाबा के लिए प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार उनके लिए पहले से सम्मानित किए गए सम्मानों की एक लंबी सूची में
शामिल है, जिनमें से कुछ में अमीर खुसरो पुरस्कार, मीर तकी मीर पुरस्कार, ग़ालिब पुरस्कार, डॉ जाकिर हुसैन पुरस्कार और सरस्वती समाज पुरस्कार शामिल हैं। राणा की कविता का हिंदी, उर्दू, गुरुमुखी और बंगला में अनुवाद भी किया गया है।
जन्म: 26 नवंबर 1952
वर्तमान निवासी : कोलकाता