दोहे प्यार भरे

सरल, सरस, सुन्दर, सहज, जीवन का आनन्द।
प्यार तुम्हारा यूँ बसा, ज्यों गुलशन में गंध ।

ना नज़रों ने कुछ कहा, नहीं लबों का साथ।
फिर जाने हम किस तरह, समझ गए हर बात।

दिल तुझ तक ले जा रहा, मुझको हर पल खींच।
तड़पाएगा कब तलक, परदा अपने बीच।

पहले सिमटी दूरियाँ, उपजा फिर विश्वास।
मुझको तुझमें मिल गया, अपना-सा एहसास।

इक दूजे का हम अगर, बन जाएँ आधार।
हर मौसम मधुमास हो, हरसूं उठें बहार।

बदली सारी चाहतें, बदल गया व्यवहार।
डूबा तेरे प्यार में, भूला सब संसार।

तू भीतर की रोशनी, तू आंगन की धूप।
दिखता है हर रूप में, मुझको तेरा रूप।

यादों की परिकल्पना, वादों का संसार।
अनुपम है ये साधना, अद्भुत है ये प्यार।

© Arun Mittal Adbhut : अरुण मित्तल ‘अद्भुत’