डोली में बिठाइके कहार

ओ रामा रे ओ रामा डोली में बिठाइके कहार लाए मोहे सजना के द्वार बिते दिन ख़ुशियों के चार दे के दुख मन को हजार जितने हैं आँसू मेरी अँखियों में उतना नदिया में नाही रे नीर ओ लिखने वाले तूने लिख दी ये कैसी मेरी टूटी नैया जैसी तक़दीर रूठा माँझी टूटी पतवार टूटा पहले ये मन टूटा पहले मन अब चूड़ियाँ टूटीं हुए सारे सपने यूँ चूर कैसा हुआ धोखा आया पवन का झोंका मिट गया मेरा सिंदूर लुट गए सोलह सिंगार फिल्म : अमर प्रेम (1971) संगीतकार : राहुल देव बर्मन स्वर : सचिन देव बर्मन © Anand Bakshi : आनन्द बख्शी