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कश्मीर में ए के 47 की गोलियों से छलनी एक बाप एक बेटा एक भाई। आतंकियों के हाथों बलात्कृत एक माँ एक बहन एक बेटी कोई नैतिक संकट पैदा नहीं करते ‘सबसे पहले; सबसे तेज़’ -का नारा लगाने वालों के लिए! उन्हें हर घंटे में एक धमाका कुछ एक्सक्लूसिव चाहिए यह बाज़ार की मांग है साथियो! जवान बेटी की अर्थी को कांधा देते बाप से जब कोई पूछता है- आप कैसा महसूस कर रहे हैं? …आप महसूस कीजिए क्या बीतती होगी बूढ़े बाप पर! आप तक बेटी के बलात्कार की सूचना कैसे पहुँची? …शान्ति ……घनघोर शान्ति ………भयावह शान्ति जैसे कोई तूफ़ान आने वाला हो चलिए आपकी मुश्क़िल करते हैं आसान आपको देते हैं हम चार विकल्प- किसी मित्र द्वारा पुलिस द्वारा समाचार पत्र या टीवी चैनल द्वारा? …पुन: वही शान्ति ……कोई जवाब नहीं! सारी मर्यादाओं का अतिक्रमण करता हुआ वह माइकधारी प्रसन्नता से उछल पड़ा जैसे लगा हो उसे ग्यारह हज़ार वोल्ट का करंट। “जैसा कि अमुकजी ने बताया उन्हें अपनी बेटी के बलात्कार की सूचना सबसे पहले देने वाला था हमारा न्यूज़-चैनल इससे साबित होता है हमारा चैनल है सबसे तेज़ हमारे चैनल की ओर से मिलता है अमुक जी को बीस हज़ार रुपए का गिफ़्ट वाउचर।” सावधान! सवधान!! सवधान!!! इससे पहले कि यह बाजार तुम्हारी धमनियों में उतर जाए तुम्हें दोगला बना दे सावधान हो जाओ! © Ashish Kumar Anshu : आशीष कुमार ‘अंशु’