है प्यार से उसकी कोई पहचान नहीं जाना है किधर उसका कोई ज्ञान नहीं तुम ढूंढ रहे हो किसे इस बस्ती में इस दौर का इन्सान है इन्सान नहीं © Gopaldas Neeraj : गोपालदास ‘नीरज’
है प्यार से उसकी कोई पहचान नहीं जाना है किधर उसका कोई ज्ञान नहीं तुम ढूंढ रहे हो किसे इस बस्ती में इस दौर का इन्सान है इन्सान नहीं © Gopaldas Neeraj : गोपालदास ‘नीरज’