ये शाम मस्तानी

ये शाम मस्तानी, मदहोश किए जाये मुझे डोर कोई खींचे, तेरी ओर लिए जाये दूर रहती है तू, मेरे पास आती नहीं होठों पे तेरे, कभी प्यास आती नहीं ऐसा लगे, जैसे कि तू, हँस के ज़हर कोई पिए जाये बात जब मैं करूँ, मुझे रोक देती है क्यूँ तेरी मीठी नज़र, मुझे टोक देती है क्यूँ तेरी हया, तेरी शरम, तेरी क़सम मेरे होठ सिए जाये एक रूठी हुई, तक़दीर जैसे कोई ख़ामोश ऐसे है तू, तस्वीर जैसे कोई तेरी नज़र, बनके ज़ुबाँ, लेकिन तेरे पैग़ाम दिए जाये फिल्म : कटी पतंग (1970) संगीतकार : राहुल देव बर्मन स्वर : किशोर कुमार © Anand Bakshi : आनन्द बख्शी