देह का संगीत

मूझे चूमो और फूल बना दो मुझे चूमो और फल बना दो मुझे चूमो और बीज बना दो मुझे चूमो और वृक्ष बना दो फिर मेरी छाँह में बैठ रोम रोम जुड़ाओ । मुझे चूमो हिमगिरि बना दो मुझे चूमो उद्गम सरोवर बना दो मुझे चूमो नदी बना दो मुझे चूमो सागर बना दो फिर मेरे तट पर धूप में निर्वसन नहाओ । मुझे चूमो खुला आकाश बना दो मुझे चूमो जल भरा मेघ बना दो मुझे चूमो शीतल पवन बना दो मुझे चूमो दमकता सूर्य बना दो फिर मेरे अनंत नील को इंद्रधनुष सा लपेट कर मुझमें विलय हो जाओ। © Sarveshwar Dayal Saxena : सर्वेश्वर दयाल सक्सेना