दिए जलते हैं

दिए जलते हैं, फूल खिलते हैं बड़ी मुश्क़िल से मगर दुनिया में लोग मिलते हैं जब जिस वक्त क़िसी का यार जुदा होता है कुछ ना पूछो यारो दिल का हाल बुरा होता है दिल पे यादों के जैसे तीर चलते हैं इस रंग-रूप पे देखो हरगिज़ नाज़ ना करना जान भी मांगे यार तो दे देना नाराज़ ना करना रंग उड़ जाते हैं धूप ढलते हैं दौलत और जवानी इक दिल खो जाती है सच कहता हूँ, सारी दुनिया दुश्मन हो जाती है उम्र भर दोस्त लेकिन साथ चलते हैं फिल्म : नमक हराम (1973) संगीतकार : राहुल देव बर्मन स्वर : किशोर कुमार © Anand Bakshi : आनन्द बख्शी